इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?

इस कहानी में एक स्वार्थी साहूकार माधवदास है और एक छोटी सी चिड़िया है। दोनों के बीच हुई वार्तालाप से ये कहानी तैयार हुई है। इस कहानी का एक और शीर्षक होता- ‘सयानी चिड़िया’। कहानी के अंत में चिड़िया ने अपनी समझदारी के बलबूते ही उस माधवदास से छुटकारा पाया। इसलिए ये शीर्षक भी उचित हो सकता था।


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